माउंट आबू का इतिहास ( history of mount Abu)

माउंट आबू का इतिहास :-
माउंट आबू प्राचीन काल से ही साधु संतों का निवास स्थान रहा है। पौराणिक कथाओं के अनुसार हिन्दू धर्म के तैंतीस करोड़ देवी देवता इस पवित्र पर्वत पर भ्रमण करते हैं। कहा जाता है कि महान संत वशिष्ठ ने पृथ्वी से असुरों के विनाश के लिए यहां यज्ञ का आयोजन किया था। जैन धर्म के चौबीसवें र्तीथकर भगवान महावीर भी यहां आए थे। उसके बाद से माउंट आबू जैन अनुयायियों के लिए एक पवित्र और पूजनीय तीर्थस्थल बना हुआ है। एक कहावत के अनुसार आबू नाम हिमालय के पुत्र आरबुआदा के नाम पर पड़ा था। आरबुआदा एक शक्तिशाली सर्प था, जिसने एक गहरी खाई में भगवान शिव के पवित्र वाहन नंदी बैल की जान बचाई थी।
माउंट आबू राजस्थान के सिरोही जिले में एक बहखूबी आकर्षित और अति सुंदर अरावली पर्वतमाला के बीच में बना हुआ है। माउंट आबू पर्वत अरावली पर्वतमाला के पहाड़ी पर बना एक छोटा सा शहर है जहां पर जैन समाज के तीर्थ मंदिर स्थापित है।इस पहाड़ी पर एक अद्भुत सुंदर दृश्य दिखाई पड़ता है जिसको हम सन सेट कहते हैं। सबसे ताज्जुब की बात है की पहाड़ी पर एक झिल बनी हुई है। जिसको हम नक्की झील के नाम से जानते हैं।माउंट आबू की ऊंचाई 1220 मीटर पर स्थित है।यह राजस्थान का एकमात्र पहाड़ी क्षेत्र है और यहां का वातावरण अन्य जिलों से अलग है। यहां पर शीतकाल में सबसे ज्यादा ठंडा मौसम रहता है यहां पर जीरो डिग्री सेल्सियस के नीचे भी तापमान पहुंचता है। माउंट आबू को राजस्थान का शिमला कहा जाता है।बरसात के दिनों में यहां पर पहाड़ी से बहता हुआ पानी झरने के रूप में दिखता है। आबू पर्वत घूमने के लिए सबसे बेहतरीन जगहों में से एक है।
                            चित्र- माउंट आबू

माउंट आबू में पर्यटन स्थलों का भ्रमण-
इस स्थान के प्रमुख पर्यटन स्थल नक्की झील, सनसेट पॉइंट, टोड रॉक, अबू रोड का शहर, गुरू शिखर चोटी और माउंट आबू वन्य जीवन अभयारण्य हैं। माउंट आबू में धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के अनेक स्मारक हैं जिनमें मुख्य रूप से दिलवारा के जैन मंदिर, आधार देवी मंदिर, दूध बावडी, श्री रघुनाथ जी मंदिर और अचलगढ़ किला आते हैं।
Tourist places in Rajasthan

-गुरु शिखर, आबू की हरी भरी अरावली पहाड़ियों की सबसे ऊँची चोटी पर स्थित है जिसकी समुद्र तल से ऊँचाई लगभग 1722 मीटर  है|

-इतनी ऊँचाई पर होने के कारण आप यहां से अरावली की विस्तृत श्रंखला और Mount abu के मनमोहक दृश्य दख सकते हैं।

-Guru Shikhar पर माउंट आबू वेधशाला (astronomical observatory) और भगवान् विष्णु के अवतार गुरु दत्तात्रेय जी का गुफा मंदिर स्थापित है।

-माउंट आबू, राजस्थान में स्थित नक्की झील भारत की एकमात्र ऐसी कृत्रिम झील (artificial lake) है जिसे 1,200 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर बनाया गया है |

-Nakki Lake आबू के सबसे important places में से एक है जहाँ पर पर्यटकों की भीड़ लगी ही रहता है |

-हिन्दू किवदंतियों के अनुसार इस  झील को देवताओं ने बश्काली नामक राक्षस से अपनी जान बचाने के लिए नाखूनों (नख) से खोदा था और तभी से इसका नाम नक्की झील पड़ गया।
Figure- Nakki lake,mountAbu

कैसे पहुंचें:

रेल के माध्यम से: माउंट आबू रेलवे स्टेशन देश के अन्य राज्यों, जैसे कि दिल्ली, जयपुर, मुंबई और अहमदाबाद से कनेक्टेड है। यहां के लिए आप पोरबंदर एक्सप्रेस, जोधपुर एक्सप्रेस, अजमेर एक्सप्रेस और अला हजरत एक्सप्रेस ले सकते हैं। माउंट आबू रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद या तो आप प्राइवेट टैक्सी या कैब किराए पर ले सकते हैं या फिर राज्य ट्रांसपोर्ट भी ले सकते हैं।

कार के माध्यम से: माउंट आबू आप अपनी कार या गाड़ी से भी जा सकते हैं, लेकिन वहां एंट्री करने से पहले एक टोल गेट से गुजरना होगा। नैशनल हाईवे 14 सीधे माउंट आबू तक ले जाएगा।

बस के माध्यम से: अगर बस से जाना चाहते हैं तो राजस्थान स्टेट ट्रांसपॉर्ट कॉर्पोरेशन की कई बसें अलग-अलग राज्यों से माउंट आबू तक चलती हैं। आप चाहे तो माउंट आबू के लिए जयपुर से डीलक्स, सेमी-डीलक्स या फिर एयर-कंडीशन्ड बस ले सकते हैं।

फ्लाइट के माध्यम से:माउंट आबू का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट दबोक एयरपोर्ट है जोकि उदयपुर में स्थित है। यह एयरपोर्ट माउंट आबू शहर से करीब 185 किलोमीटर दूर है। इसके अलावा माउंट आबू का दूसरा सबसे नजदीकी एयरपोर्ट अहमदाबाद एयरपोर्ट है। आप चाहे तो यहां भी उतर सकते हैं। यह एयरपोर्ट माउंट आबू शहर से करीब 221 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां से आप टैक्सी या कैब बुक करके माउंट आबू जा सकते हैं।


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